जनसंख्या विस्फोट : समस्या और समाधान
जनसंख्या विस्फोट समस्या और समाधान का मतलब क्या है?
जनसंख्या विस्फोट – अर्थात बहुत ही कम समय के अंतर्गत मानव जाति का बढ़ना ।
जनसंख्या विस्फोट से समस्या – आप खुद से सोचिए –
- परिवार मे जनसंख्या बढ़ने से क्या क्या समस्याएं उत्पन्न होती है, एवं देश पर क्या असर डालता है ।
- कल्पना कीजिए – “क्या दादा जी से प्राप्त पिताजी को जमीन पर पूर्ण रूप से जीवन संभव है।
आखिर क्यों ? लोगों को रहने के लिए घर, तन ढकने के लिए पर्याप्त वस्त्र और खाने के लिए भरपेट भोजन भी नही मिल पाता ।
इसका एकमात्र कारण – जनसंख्या की अत्यधिक वृद्धि ।
प्रस्तावना
वासुदेवशरण अग्रवाल जी के शब्दों मे – “भूमि, भूमि पर बसने वाला जन और जन की संस्कृति, इन तीनों के सम्मिलित से राष्ट्र का स्वरूप बनता है।“
भूमि के पार्थिव स्वरूप के प्रति हम जीतने अधिक जागरूक होंगे, उतनी ही हमारी राष्ट्रीयता बलवती हो सकेगी ।
वह भारत जिसे कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था ऐसा इसलिए, क्योंकि उस समय मे जनसंख्या सीमित थी, एवं हर नागरिक देश के पर्यावरण के प्रति जागरूक रहते थे।
सन 1901 ईस्वी मे भारत की कुल जनसंख्या 23.8 करोड़ थी ।
लेकिन वर्तमान के कुछ दशकों के अंतर्गत भारत के साथ सम्पूर्ण विश्व मे लगातार जनसंख्या बढ़ने से समाज वा देश एवं पृथ्वी को भी एक विशाल समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
सन 2011 मे भारत की कुल जनसंख्या 121 करोड़ (1.21 अरब ) हो चुकी है।
लेकिन वर्तमान आकड़ा के अनुसार अब कुल जनसंख्या लगभग 150 करोड़ पहुच गई है।
समझने का प्रयास करे – भारत की भूमि लगभग – 32 लाख वर्ग किलोमीटर तक फैली है। यहा की जनसंख्या लगभग 150 करोड़ से भी ज्यादा बताया जा रहा है। भारत के पास संसाधन सीमित है। आगे क्या होगा ?
जनसंख्या – वृद्धि से उत्पन्न समस्याएं –
- जीवन के स्तर मे गिरावट
- प्रकृति एवं मानव से निर्मित संसाधनों पर अधिक दबाव
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओ के स्तर मे गिरावट
- वनों की कटाई, एवं पर्यावरण को चुनौती देना
- जल जैसे सीमित संसाधनों की कमी
- कृषि भूमि की कमी
- महंगाई का बढ़ना
दुनिया बदल चुकी है, विज्ञान की प्रगति से लोगों या जनता का कार्य अब ai, रोबोट, मशीन के माध्यम से हो रहा है।
जनसंख्या से पृथ्वी पर प्रभाव :
पृथ्वी की अपनी एक सीमा है इसके पर सीमित संसाधन है – जैसे जल, भूमि, खनिज संसाधन जैसे कोयला, पेट्रोलियम, आदि ।
जनसंख्या के वृद्धि से लगातार पृथ्वी पर मौजूद इन संसाधनों की कमी बढ़ता जा रहा है।
मानव जाति अपने जीवन जिने के लिए लाखों पशुओ, पक्षियों, जन्तुओ की प्रजातियों को समाप्त करता जा रहा है।
जनसंख्या को रोकने का उपाय
चुकी जनसंख्या वृद्धि को रोकना इतना आसान नही, लेकिन कुछ प्रयासों से सीमित किया जा सकता है –
- शिक्षा का बढ़ावा ।
- विशेष रूप से महिलाओ को, गाँव, कस्बों, शहरों मे किसी न किसी माध्यम से जागरूकता फैलाना ।
- सरकारी नीतियाँ एवं कानून ।
- स्वास्थ्य सेवाओ मे सुधार ।
- बाल विवाह एवं बहु विवाह जैसी कुप्रथाओ पर रोक लगाई जाए ।
उपसंहार
चुकी जब पृथ्वी के पास सीमित संसाधन है तो जनसंख्या बढ़ाने से कोई मतलब नही । इसमे केवल हानि के सिवाय कुछ मिलने वाला नही ।
कोई देश विकसित होगा या नही ये निर्भर करता है देश की जनसंख्या पर जैसे
अमेरिका की भूमि 98 किलोमीटर तक फैली है एवं जनसंख्या का निवास केवल 35 करोड़ है ।
यदि हम इस देश के निवासी है तो हमारा कर्तव्य बनता है की हम लोगों को जागरूक करे एवं देश को विकशित बनाने मे सहयोग करे ।
क्या आप इनके भी बारे मे पढ़ना चाहेंगे जो इतिहास और हर देश भक्त के दिलों मे आज भी विराजमान है –
रानी लक्ष्मीबाई – प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महा नायिका ।
रानी दुर्गावती – मुगलों को 2 बार युद्ध मे लोहा लेने वाली महानायिका ।
तात्या टोपे – 1857 की क्रांति के सबसे बड़े महानायक, जिनके सामने अंग्रेज भी घुटने टेक दिए थे ।
जगदीश चंद्र बसु – भारतीय वैज्ञानिक, संसाधनों के कमी मे भी खोज करने वाले वैज्ञानिक
वीर अब्दुल हमीद – पाकिस्तान की टैंक को अकेले उढ़ाने वाले वीर ।