Class 6 history Chapter 3 notes
आरंभिक नगर ( हड़प्पा सभ्यता या सिंधु घाटी सभ्यता )
आरंभिक नगर जिसका अर्थ है शुरुवाती अथवा प्रारम्भिक नगर या शहर ।
आपको जानकार हैरानी होगी की जिस प्रकार आज के आधुनिक नगरों को विकसित किया जाता है या बनाया जाता है, अर्थात – (पक्की सड़के, नलिया, स्वच्छता इत्यादि)
ठीक इसी प्रकार भारतीय उपमहाद्वीप मे लगभग आज से लगभग 4000 से 4500 साल पहले हड़प्पा नगरों का विकास हुआ था । इस अध्याय के माध्यम से जानकारी प्राप्त करेंगे, की उस समय के लोग किस प्रकार से नगरों को विकसित किया करते थे, इसके साथ सड़के, भवन, नाली आदि को किस तरह से बनाते थे?
कल्पना कीजिए या सोचिए ————
आप जिस गाँव या नगर मे रहते है उसकी वर्तमान स्थितियाँ कैसी है ?
जैसे
- भवनों या घरों का निर्माण किस प्रकार से हुआ है क्या घरों मे किचन या रोशन दान अथवा सीढ़िया है ?
- सड़के कच्ची है या पक्की और क्या घर के गंदे पानी को बाहर निकालने के लिए नालियों का निर्माण किया गया है ?
- लोग अपनी जीविका चलाने के लिए क्या कृषि वा व्यापार किया करते है ? एवं क्या लोगों और अन्य भी कार्य किया करते है जैसे
- कोई मूर्ति बनाने का कार्य करता हो ।
- कोई घर बनाने का कार्य मे लगा हो ।
- ये सभी स्थितियाँ जो आपके नगरों मे पाए जाते है, यही स्थितियाँ आज से पाच हजार साल पहले हड़प्पा सभ्यता मे भी पाई जाती थी। या फिर हम कह सकते है वो लोग हम लोगों से कही ज्यादा विकसित थे ।
- चूँकि इस प्रकार की तकनीकी सर्वप्रथम हड़प्पा सभ्यता मे पाई गई इसलिए इसे पुरातत्वविदों ने आरंभिक नगर नाम की संज्ञा दी ।
हड़प्पा सभ्यता
हड़प्पा की कहानी
- आज से लगभग 150 साल पहले पंजाब के हड़प्पा प्रांत मे रेलव लाइन” बिछाई जा रही थी, ईंटों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए इंजीनियरों ने पास मे स्थित खंडहर से ईटों को लाकर रेलवे लाइन बिछाने के कार्य को पूरा करने लगे।
- वहा के इंजीनियरों एवं मजदूरों को इस बात का बिल्कुल आभास नही था की उनके द्वारा प्रयोग की जा रही ईंटों कितनी महत्वपूर्ण एवं कितनी वर्ष पुरानी है ।
- इसी प्रकार के खंडहर और भी स्थानों पर प्राप्त होने लगे, पुरातत्वविदों ने इन ईटों एवं स्थलों की जानकारी प्राप्त करने के लिए खुदाई करवाने का कार्य शुरू किए ।
- सन 1921 ईस्वी मे भारतीय पुरततविद दया राम साहनी ने सर्वप्रथम आधुनिक पाकिस्तान मे स्थित पंजाब के हड़प्पा नामक स्थान पर खुदाई कारवाई, खुदाई के दौरान पुरातात्विक साक्ष्य प्राप्त हुए । जो एक विकसित सभ्यता के सूचक थे ।
- हड़प्पा मे खुदाई के दौरान मुले प्रमुख साक्ष्य —- मुद्रा, मनका, पशुओ के अवशेष, कुल्हारी एवं अन्य हथियार .
- सर्वप्रथम हड़प्पा सभ्यता नामक स्थान पर खुदाई करवाने के कारण इसे हड़प्पा सभ्यता का नाम दिया गया ।
पुरातत्वविद द्वारा खोजी गई अन्य प्रमुख स्थल ––
- मोहन जोदड़ों ( पाकिस्तान )
- काली बंगा (राजस्थान )
- लोथल (गुजरात )
- बनावली (हरियाणा )
- राखीगढ़ी (हरियाणा )
इसी प्रकार खोज कर्ताओ ने लगभग 2800 स्थलों की पहचान की है ।
हड़प्पा सभ्यता या आरंभिक की नगरों की विशेषता
भारत का गौरव शाली इतिहास हड़प्पा सभ्यता की नगरों की विशेषता अद्वितीय है –
भवन
- इन नगरों के घर आमतौर पर एक या दो तल्ले या मंजिले के हुआ करते थे । घर के आगन के चारों ओर कमरे बनाए जाते थे ।
- अधिकांश घरों मे स्नानागार हुआ करता था कुए तो हर घर मे होते थे ।
- (हड़प्पा सभ्यता मे लगभग 700 से अधिक कुए पाए गए है। )
- नगर दो हिस्सों मे विभाजित थे पश्चिमी एवं पूर्वी भागों मे ।
- पश्चिमी नगर – यह उचाई पर स्थित होता था एवं इसकी सुरक्षा के लिए चारों तरफ दीवारों के माध्यम से घेरा जाता था ।
- पूर्वी नगर – इसे निचला नगर भी कहा जाता है क्योंकि ये निचली सतह पर स्थित होता था । मान्यता है की इन नगरों मे आम नागरिक बसा करते थे ।
- भवन पकी हुई ईटों से बनाए जाते थे इनकी ईटे इतनी अच्छी पकी होती थी, की हजारों साल बाद आज तक उनकी दिवारे खड़ी है, जिन्हे हम आज भी देख सकते है।
- आप कल्पना कर सकते है की ईटों कितनी अच्छी किस्म से हड़प्पा सभ्यता में तैयार किया जाता होगा ।
- कुछ नगरों मे खास प्रकार की इमरते बनाई गई थी, मिसाल के तौर पर मोहनजोदड़ों मे खास तरह का तालाब का निर्माण किया गया था जिसे विशाल स्नानागार के नाम जाता है।
इन्हे भी जाने
(काली बंगा एवं लोथल जैसे अन्य नगरों मे अग्नि कुंड मिले है जहा संभवता यज्ञ किए जाते होंगे । )
सड़के
- सड़कों की निर्माण प्रक्रिया हड़प्पावासियों की अद्भुत विशेषता थी ।
- सड़के तेड़ी मेड़ी न होकर एक सीधी लाइनों मे बनते थे एवं सड़के इस प्रकार से निर्माण किए गए थे की वे आपस मे एक दूसरे को समकोण पर काटते थे ।
नलिया
- हड़प्पवासी स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया करते थे इनके द्वारा निर्मित नालियों मे हल्की सी ढलान होती थी ताकि गंदा पानी बिना कही रुके आसानी से बह सके ।
- घरों से गंदे पानी को बाहर निकालने के लिए सड़कों के किनारे निर्मित नालियों से जोड़ दिया जाता था एवं इन नालियों को नगर से बाहर ले जाया जाता था,
- इस प्रकार से नगरों मे स्वच्छता बरकरार रहती थी ।
कृषि
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोग मुख्यतः गेहू जौ राई मटर जैसे खाद्य पदार्थों का उत्पादन करते थे ।
इन्हे भी जाने
बनवली (हरियाणा) मे जौ, तिल, सरसों की पर्यात मात्रा मे पाई गई है।
हड़प्पा वासी कपास का उत्पादन करने वाले पहले लोग थे ।
कारीगरी और शिल्पी
- हड़प्पा की संस्कृति कास्य युग से संबंधित है, हड़प्पा के लोग पत्थर के कई औजार का निर्माण एवं इस्तेमाल किया करते थे लेकिन इसके अलावा वे लोग कासे के औजारों का निर्माण भी करते थे ।
- जैसे – कुल्हाड़ी, आरी चाकू, भाला आदि ।
हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारण
जलवायु परिवर्तन ।
वनों का विनाश ।
नदियों का सुखना ।
भूमि का अत्यधिक सुखना ।
दोस्तों यह अध्याय Class 6 history Chapter 3 notes (हड़प्पा सभ्यता ) हमे एक विश्व की प्रारम्भिक सभ्यता की जानकारी देता है, यह हड़प्पा सभ्यता भारत का गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करता है ।
हमने जाना जिस प्रकार हमारे आज के विकसित शहरों की संरचना है लगभग उसी प्रकार हड़प्पा सभ्यता की नगरों की संरचना थी, यदि आपको इस अध्याय को आसानी से याद करना है तो कृपया अपने शहर या गावों की संरचना को देखिए एवं समझने का प्रयास करे की आपका किस प्रकार से बसा है ।
इन्हे भी पढे
क्या आप इनके भी बारे मे पढ़ना चाहेंगे जो इतिहास और हर देश भक्त के दिलों मे आज भी विराजमान है –
रानी लक्ष्मीबाई – प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महा नायिका ।
रानी दुर्गावती – मुगलों को 2 बार युद्ध मे लोहा लेने वाली महानायिका ।
तात्या टोपे – 1857 की क्रांति के सबसे बड़े महानायक, जिनके सामने अंग्रेज भी घुटने टेक दिए थे ।
जगदीश चंद्र बसु – भारतीय वैज्ञानिक, संसाधनों के कमी मे भी खोज करने वाले वैज्ञानिक
वीर अब्दुल हमीद – पाकिस्तान की टैंक को अकेले उढ़ाने वाले वीर ।